*8368323740* *बाली पहलवान*
*डरना जरूरी है*
जीवन का एक सच्चा मित्र है ,
दूसरा होता जीवन का दुश्मन ।
खुशियाँ उसकी उम्र हैं बढ़ाती ,
डर रहता अल्पायु हेतु ही तन ।।
डर हेतु कोई शौक नहीं करता ,
डर भी जीवन में हो जाता है ।
डर भूलाने हेतु वह दारू पीता ,
जीवन उसका शीघ्र छिन जाता है ।।
पाला जिसने जीवन में गम को ,
खुशियाँ उसकी छिन जाती हैं ।
हो जाता है जीवन छिन्न भिन्न ,
फिर खुशियाँ पनप नहीं पाती हैं।।
जो कुछ जितना ईश ने दिया है ,
उतने ही में सदा संतुष्ट रहें नर ।
हँस लें खेल लें जीवन में सदा ही ,
जीवन में न पालें कभी भी डर ।।
डर को होता जीवन से दुश्मनी ,
डर ही है होता जीवन का सौत ।
दुर्व्यसनों को वह है संगी बनाता ,
शीघ्र ही बुलाता जीवन हेतु मौत।।
डर से सुंदर तो होते हैं सुख दुःख,
सुख दुःख होते जीवन के संगी ।
सुख दुःख दीक्षा देते जीवन को ,
संघर्ष को करे जीवन यह अंगी ।।
दुःख से दुखी न होओ जीवन में ,
डर से रहो तुम सदा बहुत दूर ।
डर तो ऐसा एक ही यह असुर है ,
जीवन को भी बना देता है सूर ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना ।
Abhinav ji
03-Apr-2022 10:52 PM
Very nice
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Shnaya
03-Apr-2022 02:27 PM
Very nice 👌
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Shrishti pandey
03-Apr-2022 01:39 PM
Nice very nice
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